पूजा का स्थान हमेशा ईशानकोण (उत्तर-पूर्व कोना) में बनाएं।
घर में घड़ी पूर्व-उत्तर दिशा में लगाएं।
बैठक व्यवस्था उत्तर पूर्व या उत्तर पश्चिम में बनाएं ऐसे में सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होगी।
भोजन कक्ष उत्तर पश्चिम में बनाएं ताकि स्वास्थ्य ठीक रहे और आप बीमार न हों।
किचन दक्षिण पूर्व में होना बहुत महत्वपूर्ण है। आप जब भी खाना बनाए तो आपका मुंह पूर्व में होना चाहिए।
घर में टॉयलेट और स्नानघर को दक्षिण पश्चिम या पूर्व व दक्षिण की दिशा में बनवा सकते हैं।
तिजाेरी को हमेशा पूर्व उत्तर व दक्षिण में रखें।
शयन कक्ष घर के दक्षिण पश्चिम में रखें। घर में सुख शांति रहेगी।
अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज हमेशा पूर्व उत्तर दिशा में रखें। ऐसे में आपके संबंधित कार्य जल्दी सफल होंगे।
घर की पूर्व-उत्तर दिशा को खाली रखें। यहां पर कोई भारी वस्तु न रखें । घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी वस्तुएं रख सकते हैं।
घर के ईशान कोण में टॉयलेट न बनवाएं। इस स्थान को हमेशा पवित्र और साफ रखना चाहिए क्योंकि ईशान कोण भगवान शिव और वास्तुदेव का मस्तिष्क माना जाता है। यहां पानी का भरा हुआ घड़ा, तुलसी का पौधा रखना चाहिए और एक दीपक रोज जलाना चाहिए।
(गर्व से कहो हम हैं इंडियन)