किसी भी दरवाजे पर आगे या पीछे की ओर अथवा दरवाजे के मार्ग में कैलेन्डर कभी न लटकाएं, क्योंकि दरवाजे के ऊपर विशेष रूप से मुख्य दरवाजे के ऊपर कैलेन्डर या घड़ी लटकाना घर के सदस्यों की दीर्घ आयु के लिए बुरा है। प्रतीकात्मक रूप से इसका यह मतलब होता है कि आपकी ज़िन्दगी के कितने दिन शेष बचे हैं।
दक्षिण-पूर्व दिशा का तत्व काष्ठ है। पांच तत्वों के विध्वंसक चक्र के अनुसार धातु काष्ठ को काट डालती है, इसलिए इस क्षेत्र में कैंची या चाकू जैसी धारदार वस्तु रखना इस क्षेत्र की ऊर्जा के लिए हानिकारक है। इन वसतुओं का नकारात्मक प्रभाव संपन्नता के मार्ग में बाधक बनता है, क्योंकि इस क्षेत्र से जुड़ी हुई जीवन की अभिलाषा सम्पत्ति है ।
घर में भगवान की पूजा करने के लिए धूप व अगबत्तियों का प्रयोग करते हैं। अगरबत्तियों की मोहक सुगंध से आसपास का वातावरण सुगंधित हो उठता है। ये बहुत ही उपयोगी होती हैं। क्योंकि, इनसे नकारात्मक ऊर्जाओं वाली वायु शुद्ध हो जाती है। धूप जलाने से ऊर्जा का सृजन होता है, स्थान पवित्र हो जाता है व मन को शान्ति मिलती है। इसलिए, प्रतिदिन अगरबत्तियां और धूप जलाना अति उत्तम और बहुत ही शुभ है।
दरवाजे के पास पानी होना बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। विशेष रूप से यह उत्तर-पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर के दरवाजों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। पानी का पात्र अत्यंत सावधानी के साथ रखना चाहिए। इस पात्र को दरवाजे के पास बाईं ओर रखना चाहिए। जब आप घर में खडे हों और बाहर की ओर देख रहे हों, तो आपके बाईं ओर पानी हो, दरवाजे के दाईं ओर भूल कर भी पानी का पात्र मत रखिए, क्योंकि इसका उल्टा असर हो सकता है । इसके कारण घर का पुरूष किसी अन्य महिला के प्रति आकर्षित हो सकता है अथवा वैवाहिक जीवन में किसी तीसरे का प्रवेश हो सकता है ।
बांस के पौधे लम्बी आयु के लिए बहुत शक्तिशाली प्रतीक माने जाते हैं। बांस प्रतिकूल परिस्थितियों में भी भरपूर वृद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं और किसी भी प्रकार के तूफानी मौसम का सामना करने का सामर्थ्य रखने के प्रतीक हैं। यह पौधा अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। यह अच्छे भाग्य का भी संकेत देता है, इसलिए आप बांस के पौधों का चित्र लगाकर उन्हें शक्तिशाली बना सकते हैं।
(गर्व से कहो हम हैं इंडियन)
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