नियमित रूप से उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से जल दें।
तुलसी के पौधे को नियमित रूप से जल दें और धूप दीप से पूजा करें।
नियमित रूप से हर दिन अपने इष्ट देवता की पूजा करें।
पूजा के समय तांबे के बर्तन में जल भरकर रखें और पूजा के बाद जल को घर के हर भाग में छिड़क दें।
हर दिन भोजन बनाते समय पहली रोटी गाय के लिए और अंतिम रोटी कुत्ते के लिए निकालना चाहिए।
भोजन हमेशा उत्तर की ओर मुंह करके करना चाहिए। रसोई घर में भोजन करने से राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है। शयन कक्ष और बिस्तर पर भोजन नहीं करना चाहिए।
सूर्योदय, सूर्यास्त के समय नहीं सोना चाहिए। रात्रि में सोने से पूर्व पैर धोकर बिस्तर पर जाएं।
(गर्व से कहो हम हैं इंडियन)