पढ़ने वाला स्थान सामान्य आकार का होना चाहिए।
रोज़ाना कमरे की सफाई करें।
स्टडी टेबल को दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए।
स्टडी टेबल आयताकार, वर्गाकार या गोलाकार होना चाहिए।
स्टडी टेबल के कोने कटे हुए नहीं होने चाहिए।
स्टडी टेबल का आकार आड़ा-तिरछा होगा तो बच्चा एकाग्रचित्त नहीं हो पाएगा।
पुरानी किताबें, नोट्स, स्टेशनरी अध्ययन कक्ष में नहीं होनी चाहिए।
जब बच्चे पढ़ने के लिए बैठते हैं बच्चे की पीठ के पीछे दीवार होनी चाहिए।
पढ़ाई करते समय बच्चे के सामने से ऊर्जा के प्रवाह में कोई बाधा नहीं पड़नी चाहिए। सामने करीब 7-8 फीट का स्पेस होना चाहिए।
उत्तर दिशा से आने वाली ऊर्जा सकारात्मक होती है। उत्तर दिशा को ब्लॉक न करें, घर के अंदर उत्तर दिशा से एनर्जी को आने दें।
पढ़ते समय बच्चे का चेहरा उत्तर की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से थकान नहीं होती और एकाग्रचित बना रहता है।
(गर्व से कहो हम हैं इंडियन)