घर का मुख्य दरवाजा पूर्व आग्नेय यानी पूर्व दिशा के अंतिम भाग में दक्षिण की ओर होता है उस घर में चोरी की आशंका प्रबल रहती है। घर में कलह एवं अग्नि संबंधी दुर्घटनाएं भी होती हैं।
उत्तर की अपेक्षा पश्चिम भाग अधिक बढा हुआ होना भी दोषपूर्ण माना जाता है। इस स्थिति में विरोधियों की संख्या बढती है और घर में चोरी की घटनाएं होती हैं। पूर्व एवं उत्तर दिशा में मुख्य द्वार तिरछा नहीं होना चाहिए।
चोरी एवं दुर्घटना नहीं हो इस के लिए हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि आग्नेय दिशा में ढलान नहीं हो। इस दिशा में गड्डे एवं बोरबेल, कुआं एवं पानी की टंकी नहीं हो।
दक्षिण दिशा में उत्तर दिशा से अधिक सामान रखें, पश्चिम दिशा में पूर्व दिशा से कम खाली स्थान हो। चारदीवारी की दक्षिण और पूर्व आग्नेय में मेन गेट न हो ।
घर का मेन गेट बाहर की ओर झुका है तो उसे जल्दी ठीक करवा लेना चाहिए। इससे घर का मालिक अक्सर घर से बाहर रहता है और घर में चोरी की आशंका रहती है। पूर्व और दक्षिण भाग घर एवं आंगन से नीचा है तो उसे ऊंचा करवा लेना चाहिए।
(गर्व से कहो हम हैं इंडियन)
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