घर में जल तत्व संतुलित हो तो घर में रहने वाले सदस्यों की सोच बड़ी व ऊंची होती है, जिंदगी में उन्नति के अवसर आते रहते हैं, घर के सभी सदस्य कर्मठ होते हैं, प्रतिरोधक क्षमता बढ़िया होती है, जिससे कि कठिन परिस्थितियों से भी सरलता से निपट लेते हैं, ऐसे घर में रहने वाले लोग आध्यात्मिक होने के साथ-साथ सांसारिक कार्यों में भी चतुर होते हैं।
यदि घर के उत्तरी भाग में कोई दोष है तो जल तत्व असंतुलित हो जाएगा, ऐसे घर में रहने वाले लोगों की सोच सिमटी हुई होती है और उन्नति के अवसर कम प्राप्त होते हैं, करियर में भी कोई खास बढ़त नहीं मिलती, प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, चिंता व तनाव बना रहता है।
जल और अग्नि एकदम विपरीत स्वभाव वाले होते हैं। घर में जलतत्व के स्थान पर अग्नि तत्व की उपस्थिति न होने दें। अग्नि तत्व से संबंधित कोई भी सामान जैसे गैस चूल्हा, भट्टी, हीटर, बिजली का मीटर बोर्ड आदि को उत्तर दिशा में स्थान न दें।
(गर्व से कहो हम हैं इंडियन)
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