घर का दरवाजा पूर्व दिशा में हो तो किसी भी सोमवार को एक रुद्राक्ष दरवाजे के मध्य में लटका दें। मुख्य द्वार पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर है तो दरवाजे के अंदर बाएं ओर जल पात्र को पानी और फूल की पंखुड़ियों से भरकर रखें। इससे दिशा को सकारात्मक रुख देने में मदद मिलेगी।
दरवाजा पश्विम दिशा में हो तो रविवार को सूर्योदय से पहले दरवाजे के सामने नारियल के साथ कुछ सिक्के रखकर किसी लाल कपड़े में बांधें और दरवाजे कर लटका दें। सूर्यास्त के वक्त दुष्प्रभावों को रोकने के लिए द्वार के समीप ग्लास क्रिस्टल रखें। पश्चिम की ओर मुख वाले बालकनी के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में तुलसी का पौधा नकारात्मक प्रभावों को भी सकारात्मकता प्रदान कर सकता है। इसी तरह चमेली की बेल भी सुगंध से प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने का काम करती है।
उत्तर दिशा में दरवाजा हो तो भगवान विष्णु की आराधना करें। पीले फूले की माला बनाएं और दरवाजे पर लगाएं। उत्तर दिशा के दरवाजे के लिए सफेद, पेल ब्लू कलर बेहतर होते हैं I छह छड़ वाली धातु की बनी विंड चाइम लगानी चाहिए। विंड चाइम की खनखनाहट से मुख्य दरवाजे के आसपास के बुरे प्रभाव दूर हो सकते हैं।
दक्षिण दिशा में दरवाजा शुभ नहीं माना जाता है। इस दिशा में दरवाजा हो तो बुधवार या गुरुवार को नींबू या सात कौड़ियां धागे में बांधकर दरवाजे पर लटका देना चाहिए। आप इसे गहरे महरून, पेल यलो या वर्मिलियन रेड के शेड से रंग सकते है।
मुख्य दरवाजे कोई पवित्र चिह्न लगाएं, जैसे ऊँ, श्रीगणेश, स्वस्तिक, शुभ-लाभ आदि। ऐसा करने पर घर पर सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और बुरी नजर से घर की रक्षा होती है।
दरवाजों के दोनों ओर काफी सारे हरे और लम्बे स्वस्थ पौधे लगाए जा सकते हैं जो गलत दिशा में बने दरवाजे के दुष्प्रभावों को दूर करने का काम करेंगे।
(गर्व से कहो हम हैं इंडियन)
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