ईशान कोण खंडित होने,भवन का भाग ईशान (उत्तर-पूर्व) में उठा हो, उत्तर-पूर्व (ईशान) में रसोई घर या शौचालय का होना, ईशान में निर्माण के दौरान अधिक ऊंचाई देना या भार रखना, ईशान (उत्तर-पूर्व) में स्टोर रूम, इलैक्ट्रॉनिक आइटम या ज्वलनशील पदार्थ तथा गर्मी उत्पन्न करने वाले अन्य उपकरणों को ईशान (उत्तर-पूर्व) में रखने, इस दिशा में कूड़ेदान बनाने या कूड़ा रखने से पिता-पुत्र में आपसी मामलों को लेकर तनाव, पिता की बातों की अवज्ञा, एक-दूसरे पर दोषारोपण, समाज में बदनामी, मारपीट की नौबत व रिश्तों में मतभेद उत्पन्न हो जाते हैं।
ईशान कोण के वास्तु दोष से छुटकारा पा कर पिता पुत्र के रिश्तों को सुधार सकते हैं और पिता पुत्र के संबंधों को मधुर बनाया जा सकता है।
(गर्व से कहो हम हैं इंडियन)