घर के पश्चिमी भाग का संबंध वाणी के प्रभाव और व्यवसायिक साझेदारी के कार्यों से होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के पश्चिमी हिस्से को आकाश तत्व भी कहा जाता है। वास्तु में आकाश तत्व का संतुलन बहुत जरूरी है।
घर के पश्चिमी भाग में संतुलन लाने के उपाय - घर के पश्चिमी हिस्से में किए गए सही परिवर्तन आकाश तत्व को संतुलित कर सकते हैं।
1. घर के पश्चिम का जो हिस्सा दक्षिण के साथ जुड़ा हो उसमें भारी सामान, मशीनें आदि रखें।
3. घर के पश्चिम में खुला भाग नहीं छोड़ना चाहिए। उस पर निर्माण करवा सकते हैं।
5. सैप्टिक टैंक को घर के पश्चिमी हिस्से में या दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में बनवाया जा सकता है। सैप्टिक टैंक उत्तर दिशा का क्षेत्र छोड़कर ही बनवाएं।
संतुलन से होने वाले फायदे
आकाश तत्व न केवल व्यक्ति की आवाज पर बल्कि सोचने के ढंग पर प्रभाव डालता है। आकाश तत्व स्वयं के मूल्यांकन का कारक है। किसी भी घर के पश्चिमी हिस्से का वास्तु अनुरूप होने से व्यक्ति को यह समझने में मदद मिलती है कि वह कौन सा काम कितने अच्छे ढंग से कर सकता है। आकाश तत्व का संतुलन बीते कल की गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
आकाश तत्व के सही होने से व्यक्ति की कुशलता बढ़ने लगती है। जिससे उसे काम में मनचाहा लाभ मिलने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। बचत भी अच्छी होती है। बोलने की कला के कारण व्यक्ति साझेदारी के व्यवसाय में भी अच्छा मुनाफा कमा सकता है।
असंतुलित होने से ये होते हैं नुकसान
आकाश तत्व के असंतुलन का असर व्यक्ति की सोच पर पड़ता है। सोच में किसी भी कार्य को लेकर शंकाएं आने लगती हैं। विचारों की उलझन के कारण व्यक्ति की दक्षता घटने लगती है। इसी कारण से अपनी बात को प्रभावी ढंग से नहीं कह पाता है। फलस्वरुप उसे अपने कार्य में, व्यवसाय में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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