आप अपने नाम और पद की नेम प्लेट दरवाजे की बाहर की ओर लगाते हैं। ऐसे में घर में आने वाला अमूमन हर व्यक्ति एक सकारात्मक ऊर्जा के साथ घर में प्रवेश करता है।
दिये, लाइट्स और प्रत्येक प्रकाश देने वाली वस्तु वाले उपकरणों को शाम और सुबह यूं हीं न जलने दें। इनसे नकारात्मक शक्तियां प्रवेश करती हैं।
यदि आपके घर की स्थिति पूर्व-दक्षिण में है तो किचिन की दिशा उत्तर-पश्चिम में होनी चाहिए। यहां भी किचिन आप कार्नर (घर के किसी किनारे) में बनवाएं। हालांकि आप अपना गैस या स्टोव को दक्षिण-पूर्व में रखना ठीक माना जाता है।
घर के शयनकक्ष यानी बेडरूम में कभी भी आईना नहीं लगाना चाहिए। यदि आप यहां आईना रखना चाहते हैं तो अस्थाई रूप से ड्रेसिंग टेबल या अपने बार्डरोब पर आईने का उपयोग कर सकते हैं। आईने का बेडरूम में होना वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं माना जाता है। इसके कारण स्वास्थ्य और घरेलू विवाद की नौबत भी आ सकती है।
घर में यदि आप गंगा जल रखते हैं तो इसे अंधेरे स्थान पर न रखें। इसके एक ही जगह पर न रखे रहने दें। गंगा जल सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार करता है। यदि इसे आप समय-समय पर घर के अन्य कमरों में रखेंगे तो यह ऊर्जा वहां भी रहेगी।
घर के मुख्य दरवाजे के बाहर शुभ-लाभ और मध्य में पवित्र स्वास्तिक चिन्ह जरूर बनवाएं।
घर ऐसा बनवाएं की पूर्व और पश्चिम दिशा से सूर्य का प्रकाश और स्वच्छ वायु घर में प्रवेश करे। ऐसा करने पर आपके घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
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