घरों की शोभा बढ़ाने के लिए घर में विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएं, पौधे और चित्र, लगाई जाती हैं। क्या चित्रों का मन पर कोई प्रभाव होता है? अध्यात्म का मानना है चित्र मन को अवश्य प्रभावित करते हैं।
वास्तुशास्त्र की मान्यता के अनुसार चित्र का शुभ-अशुभ प्रभाव सिर्फ मनुष्य पर ही नहीं उस घर भी होता है जहां चित्र स्थापित किया जाता है। घर में ऐसे चित्र लगाने चाहिए जो किसी पवित्र पौराणिक घटना के हों या जिनके दर्शन से मन को प्रसन्नता प्राप्त हो। इनमें भी वास्तु का ध्यान रखना जरूरी है। इसी प्रकार वास्तु में कुछ विशेष प्रकार के चित्रों का निषेध भी किया गया है। माना जाता है कि ये घर में अशुभ प्रभाव लाते हैं। इसलिए इन्हें घर में नहीं लगाना चाहिए। जानिए उन चित्रों के बारे में।
1- महाभारत हिंदुओं का एक पवित्र ग्रंथ है लेकिन वास्तु के मुताबिक घर में महाभारत युद्ध की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। इससे घर में तनाव का माहौल रहता है। वहां अशांति का वातावरण निर्मित हो सकता है।
2- चित्र में नाव जीवन-यात्रा का प्रतीक मानी जाती है। इसलिए अगर किसी नाव का चित्र लगाना हो तो वह सुंदर तथा तैरती हुई होनी चाहिए। डूबती हुई, टूटी और क्षतिग्रस्त नाव के चित्र घर में लगाने से परिवार का भाग्य अवरुद्ध होता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
3- घर में फव्वारा तथा जलस्रोत शुभ माने गए हैं। इन्हें देखने से मन प्रसन्न होता है लेकिन फव्वारे का चित्र शुभ नहीं माना गया है। बहता फव्वारा धन के अपव्यय का सूचक होता है। वहीं बंद फव्वारा तो घोर अशुभ होता है जिस घर में ऐसा होता है वहां धन की बचत में बाधाएं आती हैं।
4- उक्त चित्रों के अलावा घर में हिंसक पशुओं के चित्र भी नहीं लगाने चाहिए। वास्तु के अनुसार इससे घर में अशुभ प्रवृत्ति का आगमन होता है। रोज हिंसक पशुओं के चित्र देखने से मन भी हिंसक हो सकता है। ऐसे घर में तनाव, झगड़े का वातावरण होता है। अतः घर में सदैव शुभ दृश्यों वाले चित्र ही लगाने चाहिए।
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