मनी प्लांट लता रूप में पसरने वाला पौधा है। इसकी पत्तियाँ सदा हरी रहतीं हैं और हृदय जैसी आकृति वाली होती हैं। मनी प्लांट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि घर हो या आँगन यह प्लांट कहीं भी आसानी से लग जाता है। साथ ही यह केवल पानी में भी लगाया जा सकता है। इसे घर के अंदर व बाहर दोनों जगह ही रखा जा सकता है।
वास्तु के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जिसके घर में मनी प्लांट का पौधा लगा होता है। उसके उसके घर में न केवल सुख-समृद्धि में इजाफा होता है बल्कि घर में धन का भी आगमन होता है| इसी वजह से कुछ लोग घरों में मनी प्लांट का पौधा लगाते हैं| घर में मनी प्लांट लगाने पर सुख-समृद्धि में होने के साथ धन का आगमन बढ़ता है। इसी के चलते लोग अपने घरों में यह पौधा लगाते हैं। आप चाहें तो इसकी इन सुनहरी पत्तियों को काँट-छाँट कर इसे और भी आकर्षक बना सकते हैं। मनी प्लांट को घर के अंदर गमले में अथवा बोतल में पानी भरकर भी लगाया जा सकता है।
सावधानि रखें.. वास्तु के अनुसार, यदि सही दिशा और सही जगह में मनी प्लांट का पौधा नहीं लगाया गया तो धनलाभ के बजाय हानि का सामना करना पड़ता है| मनी प्लांट के पौधे के घर में लगाने के लिए आग्नेय दिशा सबसे उचित दिशा है। इस दिशा में यह पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का भी लाभ मिलता है। मनी प्लांट को आग्नेय यानि दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने का कारण ये है इस दिशा के देवता गणेशजी है जबकि प्रतिनिधि शुक्र हैं। गणेश जी अमंगल का नाश करने वाले हैं जबकि शुक्र सुख-समृद्धि लाने वाले। बेल और लता का कारण शुक्र को माना गया है। इसलिए मनी प्लांट को आग्नेय दिशा में लगाना उचित माना गया है।
मनी प्लांट को कभी भी ईशान यानि उत्तर पूर्व दिशा में नहीं लगाना चाहिए, यह दिशा इसके लिए सबसे नकारात्मक मानी गई है। क्योंकि ईशान दिशा का प्रतिनिधि देवगुरू बृहस्पति को माना गया है। इसलिए शुक्र से संबंधित यह पौधा ईशान दिशा में होने पर नुकसान होता है। इससे सुख-समृद्धि प्रदान करने वाले सकारात्मक उर्जा को आकर्षित किया जा सकता है।
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