घर में पानी पीते समय ध्यान रखें की मुंह हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा की ओर ही हो, ऐसा करने से वास्तुदोष की वजह से होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं।
खाना खाते समय थाली पूर्व-दक्षिण दिशा की ओर रखें और अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर रख कर खाना खाएं।
सोते समय सिर दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर रखें, ऐसा करने से गहरी नींद आएगी और बुरे या डरावने विचार मन में नहीं आएंगे।
घर में पूजन कक्ष ईशान कोण यानी पूर्व और उत्तर दिशा के बीच बनाएं और हनुमानजी की मूर्ति को दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थापित करें। इससे घर में सुख-शांति बढ़ेगी।
धन-संपत्ति पाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर लक्ष्मी, गणेश, कुबेर स्वास्तिक, ऊँ आदि मांगलिक चिह्न बनाना अच्छा माना जाता है।
घर में जेट पम्प की बोरिंग उत्तर-पूर्व दिशा में ही करवानी चाहिए।
घर के किसी भी सदस्य के खाना खाने से पहले, खाने का थोड़ा सा भाग रोज गाय को खिलाना चाहिए। ऐसा करने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
घर के बारह आंगन में हरे-भरे पेड़-पौधे लगाएं, इनसे घर में पॉजिटिव एनर्जी फैलती है। घर में सजाएं गए फूलों को रोज बदलें, सूखे या बासी फूल भी वास्तुदोष का कारण बन सकते हैं।
धन में वृद्धि और बचत के लिए तिजोरी को दक्षिण दिशा में इस तरह रखें की इसका मुंह उत्तर दिशा की ओर रहे।
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