1- सूर्योदय से पूर्व उठने की आदत डालें। इससे सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है जो तन, मन एवं मस्तिष्क को शांत करती है।
2- प्रातः काल आसपास के खुले स्थान, पार्क या भवन की छत पर जाकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके थोड़ा व्यायाम करें और लंबी सांस लें। इससे प्रकृति में सुबह के समय व्याप्त सकारात्मक ऊर्जा का भरपूर उपयोग करके आप शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
3- अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन करते समय आपका मुख सदा पूर्व या उत्तर में रहे। कभी भी पलंग पर बैठकर, खड़े होकर या आड़े-तिरछे बैठकर भोजन न करें। भोजन या तो भूमि पर आसन बिछाकर करें या फिर डायनिंग टेबल का प्रयोग करें। विधिवत भोजन करने से शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है।
4- खाना खाते वक्त टेलीविजन नहीं देखें, इससे उत्पन्न होने वाली नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से सभी ज्ञानेंद्रियों पर विपरीत असर पड़ता है। इससे पेट की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अतः भोजन करते समय टेलीविजन न देखकर पारिवारिक दिनचर्या पर थोड़ी गपशप कर सकते हैं।
5- दवाइयों को डायनिंग टेबल पर न रखें। ये नकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक होती हैं। ऐसा करके हम दवाइयों को भोजन का हिस्सा बनाने का निमंत्रण देते हैं, ऐसा नहीं करें।
6- यदि घर में बच्चों या वृद्धों के लिए कुछ टॉनिक आदि का उपयोग कर रहे हों तो ऐसे टॉनिक की शीशियां व डिब्बे घर की पूर्व दिशा में बनी आलमारियों में रखें और किसी बीमारी से संबंधित दवाइयों को दक्षिण या पश्चिम में रखें।
7- भोजन पूर्व की तरफ मुंह करके ही बनाएं। यह सेहत के लिए उत्तम तथा सुखदायी होता है। रसोईघर आग्नेय कोण में ही बनाएं। रसोईघर की व्यवस्था उत्तर-पूर्व में न करें। यह धन तथा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। ज्वलनशील पदार्थों को दक्षिण-पूर्व में रखें।
8- भोजन जब भी हो सके परिजनों के साथ करें। अकेले भोजन करने से बचें।
9- रसोईघर की दीवारों का रंग हल्का पीला, नारंगी या हल्का लाल रखें। इससे भोजन सुपाच्य होकर भूख बढ़ाने में सहायक साबित होगा।
10- जब एकसाथ मिलकर सभी खाना खा रहे हों तो घर के मुखिया का मुंह पूर्व में तथा अन्य सदस्यों का मुंह उत्तर या पश्चिम में होना चाहिए। दक्षिणाभिमुख कभी न बैठें। हाथ आदि साफ कर प्रसन्नतापूर्वक खाने से आरोग्यता बढ़ती है।
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