मुख्य द्वार ऐसा हो जिसे देखने पर मन प्रसन्न हो। दिखने में भयानक, टूटा तथा उखड़ा हुआ द्वार भाग्य में बाधा डालता है। इसका बुरा असर परिवार और उसके सदस्यों के स्वास्थ्य पर होता है।
घर के मुख्य द्वार पर कोई सुंदर तथा पवित्र धार्मिक चिह्न बनाने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। मुख्य द्वार पर गणेशजी का चित्र, स्वस्तिक, शुभ-लाभ तथा ऊँ लिखने से घर में प्रवेश सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
घर का मुख्य द्वार यदि पूर्व दिशा की ओर हो तो शनिवार की रात्रि को मुख्य द्वार पर तेल का दीपक जलाएं तथा रविवार को सूर्य देव को जल चढ़ाएं। इससे गृहस्वामी का भाग्य प्रबल होता है और घर के सदस्यों को मेहनत का फल मिलता है।
घर का द्वार उत्तर दिशा की ओर हो तो वास्तु के अनुसार यह शुभप्रद होता है। अगर इस द्वार वाले घर में तुलसी का पौधा लगाया जाए तो घर में सुख-समृद्धि और सफलता का आगमन होता है।
मुख्य द्वार अगर दक्षिण दिशा की ओर हो तो इसे शुभ नहीं माना जाता। अगर इस दिशा की ओर द्वार हो तो मंगलवार को हनुमानजी को चढ़ाए सिंदूर से घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाएं। इससे संबंधित दोष का निवारण हो जाता है।
घर का मुख्य द्वार स्वतः बंद होना शुभ नहीं माना गया है। इससे परिवार को कई परेशानियां होने की आशंका रहती है।
मुख्य द्वार के सामने पौधा लगाना या पहले से ही वृक्ष होना शुभ नहीं होता। इससे परिवार में खुशियों का आगमन अवरुद्ध होता है। पौधा वास्तु के अनुसार किसी अन्य स्थान पर लगाना चाहिए।
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