अग्निकोण
दक्षिण और पूर्व के कोण को अग्निकोण कहते हैं। पंचतत्वों मे यह स्थान अग्नि तत्व का है। यहाँ अग्नि तत्व होने की वजह से इसे अग्निकोण कहते हैं।
अग्निकोण मे रसोईघर होना चाहिए।
अगर इस कोण मे गलती से रसोईघर के स्थान पर स्नानघर या शौचालय बन जाये, तो इस कोण में अग्नि तत्व की जगह जल तत्व आ जाता है। जो यहां वास्तु दोष उत्पन्न कर देता है। अग्नि को हमारे जीवन में धन, बैंक-बैलैंस, शारिरिक बल और जठराग्नि कहा गया है। परिणामस्वरूप हमारे घर मे धन की कमी, धन का दुरुपयोग, कर्ज का बढ़ना, पेट संबंधी रोगों का होना और कुछ अन्य बीमारियों का होना आरंभ हो जाता है। यह वास्तुदोष करोड़पति को भी रोड़पति बना सकता है। अक्सर देखा गया है की जिन घरों में अग्निकोण में रसोईघर है, उन घरों में कभी पेट संबंधित रोग नही होते, धन की कमी नही होती, कर्ज नही होता और उन घर मे रहने वाले परिवार सदैव सम्पन्न रहते हैं। यदि आप भी इन मे से किसी परेशानी से पीड़ित हैं, तो अपने घर के अग्नि कोण को देख कर पता लगा सकते हैं। की उस परेशानी का कारण अग्निकोण में जल तत्व का होना तो नही है। इस समस्या का कारण कई बार इस दिशा में नीले रंग का होना भी हो सकता है। नीला रंग भी जल तत्व का होना ही दर्शाता है। अगर आप के घर में इस दिशा में नीला रंग है तो उसे हटा कर आप इस समस्या से बच सकते हैं और अगर यहाँ स्नानघर या शौचालय है तो उसे भी वास्तु के कुछ उपायों के अनुसार बैलेंस करके ठीक किया जा सकता है और इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
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